बहादुरगढ़. (हरियाणा) बहादुरगढ़ जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है।उस सम लोग अचंभित रह गए जब डॉक्टरों ने 6 साल के मासूम को मृत घोषित कर दिया था। मां घर पर रोते हुए मृत बेटे के शव को बार-बार जिंदा होने के लिए पुकार रही थी तभी मासूम की सांसें फिर से चलने लग गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार किला मोहल्ले के निवासी विजय शर्मा के पौते कुणाल शर्मा को 26 मई को दिल्ली के डॉक्टरों ने टाइफाइड से मृत घोषित कर दिया था। शव को पैक करके बेटे के पिता हितेश और मां जानवी को सौंप दिया था। लेकिन घर जाकर वह फिर से जिंदा हो गया। अब रोहतक के एक निजी अस्पताल से कुनाल वापस अपने घर पहुंच चुका है।
क्या है मामला
दिल्ली के अस्पताल में कुणाल के माता- पिता अपने 6 साल के बेटे का शव लेकर बहादुरगढ़ अपने घर पहुंचे । डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था जिसके बाद पापा और मां ने बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। यह तय हुआ कि कुणाल के मामा के घर उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा, लेकिन दादी ने अपने पोते का चेहरा देखने की जिद की तब कुणाल के पापा उसे घर लेकर आये। मां जानवी रोते हुए बार-बार बच्चे को जिंदा होने के लिए पुकार रही थी। कुछ देर बाद पैक हुए शव में कुछ हरकत देखी तो दादा विजय शर्मा को खबर दी। इसके बाद पिता हितेश ने बच्चे का चेहरा चादर की पैकिंग से बाहर निकाला और अपने लाडले को मुंह से सांस देने लगा। जब उसके शरीर में कुछ हरकत दिखाई दी तो पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया। इस बीच बच्चे ने अपने पापा के होंठ पर काट खाया। इसके बाद मोहल्ले के लोग बच्चे को रात को रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे 15 फीसदी ही बचने की संभावना बताई पर वह धीरे-धीर ठीक हो गया और मंगलवार को अपने घर पर पहुंच चुका है।
भगवान ने बेटे में सांसें डाली हैं : मां
बच्चे के दादा विजय शर्मा पोते को इस तरह जिंदा होने को चमत्कार बता रहे हैं। मां ने कहा कि भगवान ने उनके बेटे में फिर से सांसें डाली हैं। अब कुणाल स्वस्थ है, रोहतक अस्पताल से नानी के घर है। साथ में उसकी मम्मी है। वह बच्चों के साथ खेल रहा है, डांस कर रहा है।