ऐसे की गई स्टडी
अध्ययन में 548 प्रतिभागियों (1 से 17 वर्ष की आयु) का विश्लेषण किया गया, जिन्हें दो समूहों में विभाजित किया गया था। एक समूह में आरटीपीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये बच्चों को रखा गया, जबकि दूसरे समूह में कोरोना निगेटिव बच्चों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि MCV में SARS-CoV-2 के खिलाफ 87.5 फीसदी की वैक्सीन प्रभावशीलता थी और यह कि टीकाकरण प्रतिभागियों में असंबद्ध की तुलना में कम गंभीर कोविड लक्षण थे। शोध इस महीने पीयर-रिव्यू इंटरनेशनल जर्नल, ह्यूमन वैक्सीन्स एंड इम्यूनोथेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हुआ था। शोधकर्ताओं ने कहा कि हालांकि उनके निष्कर्ष उत्साहजनक हैं, एक निश्चित निष्कर्ष निकालने से पहले बड़े परीक्षणों की आवश्यकता होगी।
अध्ययन के प्रमुख अन्वेषक, बाल रोग विशेषज्ञ नीलेश गूजर ने कहा कि हमारे अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि एमसीवी बच्चों की आबादी में SARS-CoV-2 संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हो सकता है। खसरे का टीका बच्चों को 9 माह और 15 माह पर दिया जाता है।