कोटा. कोचिंग सिटी कोटा अपने शांत माहौल के कारण इन दिनों क्रोकोडाइल सिटी साइटिंग पॉइंट बनता जा रहा है। शहर में दाईं मुख्य नहर से सटे इलाकों में रात को मगरमच्छो द्वारा सड़कों पर नाइट वॉक करना आम बात होती जा रही है। कुछ ऐसा ही नजारा कैनाल रोड पर देखने को मिला जब 5 से 6 फीट लंबा भारी भरकम मगरमच्छ नहर से निकलकर सड़क पर आ गया। कुछ देर किनारे पर थकान मिटाने के बाद उसने सड़कों पर दौड़ लगाना शुरू कर दिया। अभी कुछ दिन पहले कंसुआ और थेगड़ा रोड पर मगरमच्छ सड़क पर चहल कदमी करता हुआ नजर आया था। सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही बढ़ी तो मगरमच्छ एक कार की चपेट में आने से बच गया। वहां से गुजर रहे एक कार चालक ने तुरंत कार रोककर मगरमच्छ का वीडियो बनाया। इसके बाद कार चालक ने अपने वाहन की लाइट से इशारा करके वहां से गुजर रहे अन्य वाहन चालकों को मगरमच्छ के सड़क पर घूमने की सूचना दी ताकि उसे कोई नुकसान ना पहुंचे।
काफी देर तक सड़क के किनारे दौड़ लगाने के बाद मगरमच्छ दीवार के टूटे हुए हिस्से में नहर में उतर गया। देर रात को भी इस रोमांचक दृश्य को देखने के लिए लोगों ने अपने वाहनों रोके और मगरमच्छ के नाइट वॉक का नजारा देखा। वन्यजीव प्रेमी तपेश्वर भाटी बताते हैं कि कोटा में इंडियन मार्श क्रोकोडाइल यानी मीठे पानी के मगरमच्छ हैं जो स्वच्छ पानी में रहते हैं। नहरों में पानी बंद होने के बाद बचा हुआ पानी प्रदूषित हो रहा है। शिकार के अभाव में ये मगरमच्छ अब सड़कों पर निकल रहे हैं।
सबसे दुखद बात यह है कि कई बार वाहनों की चपेट में आने से ये अकाल मौत का भी शिकार बन रहे हैं जो चिंता का विषय है। बारिश के मौसम में नहरी क्षेत्र से सटे इलाकों में खाली पड़े प्लॉट्स और वेटलैंड्स पर सीपेज का पानी जमा होने से मगरमच्छों का यहां डेरा रहता है। आसपास के रिहायशी इलाकों में पानी भर जाने पर कई बार मकानों की दहलीज तक मगरमच्छों की दस्तक हो जाती है।
वन्यजीव विभाग की टीम ने पिछले साल भी करीब 40 मगरमच्छों को कोटा के विभिन्न इलाकों से मानसूनी सीजन में रेस्क्यू किया था। इस साल भी मानसून की दस्तक के साथ ही मगरमच्छ के नाइट वॉक ने कोटा के आधा दर्जन से अधिक इलाके के लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है।
Source=https://pradeshlive.com/news.php?id=crocodiles-are-doing-night-walk-on-the-streets-in-coaching-city-kota-302945